राजस्थान में BJP सरकार के कैबिनेट मंत्री का इस्तीफा; किरोड़ी लाल मीणा ने रिजाइन किया, कहा- 'प्राण जाई पर वचन न जाई', मामला क्या?
 
                        Rajasthan BJP Cabinet Minister Kirodi Lal Meena Resigns
Kirodi Lal Meena Resigns: राजस्थान की सियासत से एक बड़ी खबर है। यहां बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने इस्तीफा दे दिया है। किरोड़ी लाल मीणा, सीएम भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में कृषि, ग्रामीण विकास, आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
बताया जा रहा है कि, किरोड़ी लाल मीणा ने करीब 10 दिन पहले ही सीएम भजनलाल शर्मा को अपना इस्तीफा सौंपा दिया था और अब सार्वजनिक रूप से इस्तीफे की जानकारी दी है। हालांकि, किरोड़ी लाल मीणा के मंत्री पद इस्तीफे को लेकर कयास पहले से ही लग रहे थे। दरअसल, लोकसभा चुनाव रिजल्ट-2024 के बाद से ही सोशल मीडिया और मीडिया पर उनके इस्तीफे की चर्चाएं चलने लगीं थीं।
CM ने मना किया, फिर भी दिया इस्तीफा
जानकारी के मुताबिक, किरोड़ी लाल मीणा का कहना है कि उन्होंने अपना इस्तीफा सीएम भजनलाल शर्मा को सौंप दिया है। इस्तीफा सौंपने पर सीएम ने इसके लिए मना किया था और कहा था कि वह इस्तीफा स्वीकार नहीं करेंगे। लेकिन मैं उनसे कहा कि मैं अपने वचन से नहीं मुकर सकता। क्योंकि मैंने लोकसभा चुनाव के दौरान जनता के बीच कहा था कि, अगर बीजेपी पूर्वी राजस्थान में उनके प्रभाव वाली सात सीटों में से एक भी सीट (खासकर दौसा) हारती है तो मैं मंत्री पद छोड़ दूंगा।
इधर, इस्तीफे की सार्वजनिक जानकारी के साथ मीणा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर श्री रामचरितमानस की एक बहूचर्चित पंक्ति भी लिखी है- 'रघुकुल रीत सदा चल आई, प्राण जाई पर वचन न जाई'। यानि किरोड़ी लाल मीणा ने इस तरह से यह संकेत दिया है कि वह अपने वचन से मुकरे नहीं हैं। हालांकि, सीएम भजनलाल शर्मा ने अब तक किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।
रघुकुल रीति सदा चलि आई।
प्राण जाई पर बचन न जाई।।
(श्रीरामचरितमानस)
बताया जाता है कि, लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब रोड शो के लिए दौसा आए थे तब उन्होंने किरोड़ी लाल मीणा को उनके प्रभाव में आने वाली 7 सीटों की जिम्मेदारी दी थी। तब मीणा ने कहा था कि अगर इन सात सीटों में से एक भी सीट हार गए तो वह कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे देंगे। वहीं जिन सात सीटों की जिम्मेदारी मीणा ने संभाली वो सभी पूर्वी राजस्थान की सीटें थीं। जिनमें दौसा, भरतपुर, करौली-धौलपुर, अलवर, टोंक-सवाई माधोपुर और कोटा-बूंदी, जयपुर ग्रामीण जैसी सीटें शामिल थीं।
इधर जब लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आया तो बीजेपी इनमें से भरतपुर, दौसा, टोंक-सवाईमाधोपुर और धौलपुर-करौली जैसी 4 सीटें कांग्रेस से हार गई। इस तरह से दौसा समेत अन्य 3 सीटों पर हार के बाद विपक्ष उन पर लगातार निशाना भी साध रहा था। कांग्रेसी नेता लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे। इसलिए भी मीणा ने हार की नैतिक जिम्मेदारी ली और अपना इस्तीफा दे दिया।
BJP से नाराजगी की खबरें
किरोड़ी लाल मीणा के मंत्री पद से इस्तीफे को लेकर उनकी बीजेपी से नाराजगी की खबरें भी ज़ोरों पर चलती रहीं हैं। हालांकि पार्टी से नाराजगी की खबरों को खारिज करते हुए मीणा का कहना है कि नाराजगी का कोई कारण नहीं है और मैंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
बता दें कि, पिछले साल राजस्थान विधानसभा चुनाव के बाद जब बीजेपी के पक्ष में परिणाम आया था तो उस समय मुख्यमंत्री पद की दौड़ में किरोड़ी लाल मीणा मुख्य रूप से शामिल थे। लेकिन पार्टी हाईकमान ने पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को राज्य का नेतृत्व सौंप दिया और पांच बार के विधायक एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य किरोड़ी मीणा के हाथ खाली रह गए। बाद में उन्हें मंत्री बना दिया गया।
कौन हैं किरोड़ी लाल मीणा?
- किरोड़ी लाल 5 बार के विधायक हैं
- इस समय किरोड़ी लाल मीणा सवाई माधोपुर से विधायक हैं
- किरोड़ी लाल मीणा राज्यसभा सांसद रह चुके हैं
- किरोड़ी लाल मीणा 2 बार दौसा और सवाई माधोपुर से लोकसभा सांसद रहे
- किरोड़ी लाल दौसा से जिला प्रमुख भी रह चुके हैं
 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                